Monday 30 May 2011
Tuesday 15 December 2009
जी नहीं ? जी हाँ
ये शहर
वो शहर
हमारा शहर
उनका शहर
बातें वही
अलफ़ाज़ नए
जज़्बात वही
इरादे नए
कुछ किस्सों की शुरुआत
कुछ अफसानों के अंत
जी नहीं ?
जी हाँ
वो शहर
हमारा शहर
उनका शहर
बातें वही
अलफ़ाज़ नए
जज़्बात वही
इरादे नए
कुछ किस्सों की शुरुआत
कुछ अफसानों के अंत
जी नहीं ?
जी हाँ
Wednesday 25 November 2009
जब छुक छुक बातें होती हैं
जब छुक छुक बातें होती हैं
जब दुनिया कुछ कुछ कहती है
जब ठंडी -ठंडी तेज़ हवा
चेहरे पर फर्र-फर्र पड़ती है
जब कोई कहीं चिल्लाता है
और गाली कहीं से पड़ती है
जब केहुनी की ठोकर से
वह आगे -पीछे खिसकती है
जब सीट की बूकिंग होती है
हर इंच की गिनती होती है
जब कहते कहते थक जाओ
एक सूत भी ना वह सरकती हैं
जब चर्चगेट से चढ़ती हूँ
और जोगेश्वरी उतरती हूँ
इस बीच यह बातें होती हैं
जब दुनिया कुछ कुछ कहती है
जब दुनिया कुछ कुछ कहती है
जब ठंडी -ठंडी तेज़ हवा
चेहरे पर फर्र-फर्र पड़ती है
जब कोई कहीं चिल्लाता है
और गाली कहीं से पड़ती है
जब केहुनी की ठोकर से
वह आगे -पीछे खिसकती है
जब सीट की बूकिंग होती है
हर इंच की गिनती होती है
जब कहते कहते थक जाओ
एक सूत भी ना वह सरकती हैं
जब चर्चगेट से चढ़ती हूँ
और जोगेश्वरी उतरती हूँ
इस बीच यह बातें होती हैं
जब दुनिया कुछ कुछ कहती है
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